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Bihar Board 12th History Sent Up Exam Answer Key: बिहार बोर्ड (BSEB ) के द्वारा कक्षा 12वीं नम्बर माह की सेंट अप परीक्षा दिनांक 11 नम्बर2024 से लेकर 18 नम्बर2024 तक परीक्षा चलने वाली है, इस लेख में विस्तार पूर्वक Bihar Board 12th History 18 November Sent Up exam answer key 2024 के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं नम्बर परीक्षा में सभी छात्र/छात्रा को शामिल होना अनिवार्य है | Bihar Board 12th History Sent Up Exam 2024 परीक्षा आयोजित होने वाली है और यह परीक्षा 1st Sitting में परीक्षा होगी …पूरा लेख पढ़ें…
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Bihar Board 12th History Sent Up exam Answer key 2024: बिहार बोर्ड सेंट अप परीक्षा Time table, Full Information 11 नम्बर 2024 से नम्बर माह की Sent-Up परीक्षा का शुरुआत होने जा रहा है बोर्ड अध्यक्ष आनंद की किशोर अपने साफ-साफ स्पष्ट कर दिया है की नम्बर माह की Sent Up परीक्षा दो पालियों में आयोजित होने वाली है प्रथम पाली की मासिक परीक्षा 10:00am to 11:30am तक परीक्षा आयोजित होने वाली है और साथ ही द्वितीय पाली की सेंट अप परीक्षा 12:45pm से 02:15pm परीक्षा चलने वाला है, मासिक परीक्षा 130 मिनट की परीक्षा होने वाली है जिसमें सभी छात्र/छात्रा को शामिल होना अनिवार्य है |
Class 12th History 18 November 2024, Answer key: Full Information बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के द्वारा, वार्षिक परीक्षा 2025 फाइनल परीक्षा से पहले, हर साल BSEB के द्वारा Sent Up परीक्षा आयोजित किया जाता है जिसमें सभी उम्मीदवार को परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है, कक्षा 12वीं सेंटर परीक्षा दिनांक 11.11.2024 से 18.11.2024 तक सेंटअप परीक्षा आयोजित होने जा रही है, जिसमें सभी परीक्षार्थी को उपस्थित होना अनिवार्य है | बोर्ड ने सख्त निर्देश दिया है की सेंटअप परीक्षा में अनुपस्थित विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा 2025 में शामिल नहीं हो पाएंगे और ना ही बोर्ड के द्वारा उन्हें एडमिट कार्ड मिलने वाला है | सभी छात्र से निर्देश दिया जाता है कि सेंटअप परीक्षा में जरूर उपस्थित हो और सफल होना आवश्यक है | बिहार बोर्ड, के द्वारा सेंटअप परीक्षा का रिजल्ट तैयार करके भेजा जाएगा, जो भी परीक्षा थी अनुपस्थित या केंद्र परीक्षा में असफल रहते हैं उन्हें वार्षिक परीक्षा 2025 में शामिल नहीं किया जाएगा |
[nk_awb awb_type=”color” awb_color=”#fcf523″]12th History 18 November sent up Exam Answer Key 2024:-[/nk_awb] Q.N. ANS Q.N. ANS Q.N. ANS Q.N. ANS 1. A 26. B 51. D 76 .B 2. A 27. C 52. B 77 .B 3. B 28. B 53. B 78. B 4. B 29. C 54. C 79. A 5. B 30. B 55. A 80. C 6. A 31. C 56. C 81. C 7. C 32. D 57. A 82. C 8. B 33. B 58. A 83. C 9. B 34. C 59. B 84. C 10. B 35. D 60. A 85. C 11. A 36. A 61. D 86. B 12. A 37. A 62. B 87. D 13. B 38. B 63. B 88. D 14. C 39. A 64. A 89. B 15. D 40. A 65. A 90. A 16. A 41. D 66. C 91. B 17. C 42. B 67. D 92. A 18. B 43. C 68. B 93. C 19. A 44. C 69. B 94. B 20. D 45. B 70. A 95. C 21. B 46. C 71. D 96. A 22. A 47. D 72. A 97. B 23. A 48. C 73. B 98. D 24. A 49. C 74. B 99. C 25. D 50. B 75. C 100. C
1. पुरातत्त्व से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- पुरातत्व भौतिक अवशेषों के माध्यम से प्राचीन और हाल के मानव अतीत का अध्ययन है। रातत्व, मानव गतिविधियों का अध्ययन करने का एक तरीका है. यह भौतिक संस्कृति के अवशेषों के विश्लेषण के ज़रिए, मानव इतिहास और संस्कृति को समझने का एक अनोखा तरीका है. पुरातत्व, मानव इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई बातों को समझने में मदद करता है
2. हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली की दो विशेषतायें बतायें । उत्तर-हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली की दो विशेषताएं-
ज़्यादातर जगहों पर ये नालियां ढकी हुई मिली थीं और इनकी समय-समय पर सफ़ाई भी की जाती थी. हड़प्पा सभ्यता की नालियां पक्की ईंटों से बनी थीं और इन्हें जोड़ने के लिए जिप्सम का इस्तेमाल किया गया था. 3. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के बारे में लिखें । उत्तर- मोहनजोदड़ो से विशाल स्नानागार प्राप्त हुआ है जो कि हड़प्पा सभ्यता का सबसे विशाल स्मारक है इसमें स्नान हेतु सीढ़ियां भी है तथा इसको भरने हेतु पास में एक कुएं का अवशेष भी मिला है । मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार सार्वजनिक कार्य और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बनाया गया था इसका निचला शत है पक्की ईंटों से बना था इसके उत्तरी तथा दक्षिणी भाग में सीढ़ियां थे इसके किनारे जिप्सम का प्रयोग करके ईटों की सहायता से जल बंद किया गया था इससे एक छोटी सी नाली निकल कर सड़क के नाले से मिलती थी
4. किन्हीं दो गुप्तकालीन मंदिरों के नाम लिखें । उत्तर- दो गुप्तकालीन मंदिरों के नाम- तिगवा का विष्णु मंदिर (जबलपुर, मध्य प्रदेश), भूमरा का शिव मंदिर (नागोद, मध्य प्रदेश)
5. ‘महाजनपद’ से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- महाजनपद प्राचीन भारत में मौजूद सोलह राज्यों का एक समूह था। यह सब तब शुरू हुआ जब उत्तर वैदिक काल के जनजातियों (जनों) ने अपने स्वयं के क्षेत्रीय समुदाय बनाने का फैसला किया, जिसने अंततः ‘राज्यों’ या ‘जनपदों’ नामक बस्तियों के नए और स्थायी क्षेत्रों को जन्म दिया।
10. जैन धर्म के प्रसार के दो कारण लिखे । उत्तर- जैन धर्म के प्रसार के दो कारण- (1) जैन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु महावीर स्वामी ने अपनी शिक्षा प्राकृत भाषा में दी जिससे साधारण जन भी उन्हें आसानी से समझ सके। महावीर स्वामी तथा उनके अनुयायियों ने देश में घूम-घूम कर इनका प्रचार किया। (2) जैन धर्म के नियम बहुत कठोर थे। अधिकांश व्यक्तियों के लिए ऐसे कड़े नियमों का पालन करना बहुत कठिन था। फिर भी हजारों व्यक्तियों ने इस नई जीवन शैली को जानने और सीखने के लिए अपने घरों को छोड़ दिया।
11. दीन-ए-इलाही से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- दीन-ए-इलाही वर्ष 1582 में मुगल सम्राट अकबर के समय का एक आध्यात्मिक नेतृत्व कार्यक्रम था, जिसमें मुख्य रूप से नैतिकता और दयालुता पर जोर दिया गया था। दीन-ए-इलाही को ‘ईश्वर का धर्म’ कहा जाता है और इसे ईश्वरीय आस्था या समन्वयकारी धर्म की आध्यात्मिक मान्यता के रूप में जाना जाता है।
12. अकबर के काल में भूमि के वर्गीकरण को स्पष्ट करें । उत्तर-अकबर के शासनकाल में, भूमि को चार वर्गों में बांटा गया था: पोलज, परती, चाचर, बंजर.
13. ताजमहल किसने और कहाँ बनवाया ? उत्तर- ताजमहल भारतीय शहर आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर एक हाथीदांत-सफेद संगमरमर का मकबरा है। इसे 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां (1628 से 1658 तक शासन किया गया) द्वारा अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज महल की मकबरे के लिए शुरू किया गया था।
14. मुग़ल दरबार में ‘झरोखा दर्शन’ क्या था ? उत्तर- अकबर ने ‘झरोखा दर्शन’ की शुरुआत की। यह किलों और महलों की बालकनी में जनता को संबोधित करने का एक साधन था। इससे जनता के साथ आमने-सामने संवाद करना आसान हो गया। इस प्रथा को औरंगजेब ने खत्म कर दिया क्योंकि वह इसे गैर-इस्लामिक प्रथा मानता था।
15. ‘महानवमी का डिब्बा’ के बारे में आप क्या जानते हैं ? उत्तर- महानवमी डिब्बा को दशहरा डिब्बा भी कहा जाता है। इसे विजयनगर काल के दौरान राजा कृष्णदेवराय ने उदयगिरि पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में बनवाया था। यह वह स्थान था जहाँ विजयनगर के राजा दशरा (दशहरा) का त्योहार मनाते थे।
16. ‘ ‘गोपुरम’ से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- गोपुरम या गोपुर (जिसे विमानम भी कहते हैं) एक स्मारकीय अट्टालिका होती है, प्रायः शिल्प से सज्जित, एवं अधिकतर दक्षिण भारत के मन्दिरों के द्वार पर स्थित होता है। यह हिन्दु मन्दिरों के स्थापत्य का प्रमुख अंग है| यह ऊपर किरीट कलश से शोभायमान होता है। यह मन्दिरों की चारदीवारी में बने द्वार का काम देते हैं।
17. मेगास्थनीज का संक्षिप्त परिचय दें । उत्तर- मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत और इतिहासकार थे जिन्होंने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य राजवंश के दौरान भारत का दौरा किया था। उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल, संस्कृति, राजनीति और अर्थव्यवस्था सहित उसके विस्तृत विवरण के लिए जाना जाता है।
18. उपनिवेशवाद का अर्थ को समझाइये | उत्तर- किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद कहलाता है।
20. झूम खेती को समझाइये । उत्तर- झूम कृषि एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पेड़ों को काट कर जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि पर पुराने उपकरणों से जुताई करके खेती की जाती है । जब तक मिट्टी में उर्वरता रहती है तब तक इस भूमि पर खेती की जाती है । इसके पश्चात् इस भूमि को परती छोड़ दिया जाता है ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 31 से 38 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं । किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दें । प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है :
Question Nos. 31 to 38 are Long Answer Type Questions .Answer any four question. Each question carries 5 marks :
31. हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना प्रणाली की विवेचना करें । उत्तर- हड़प्पा संस्कृति की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता थी- इसकी नगर योजना। इस सभ्यता के महत्त्वपूर्ण स्थलों के नगर निर्माण में समरूपता थी। नगरों के भवनो के बारे में विशिष्ट बात यह थी कि ये जाल की तरह विन्यस्त थे।हड़प्पा सभ्यता के नगर जाल की तरह विन्यस्त थे। प्राप्त नगरों के अवशेषों से पूर्व और पश्चिम दिशा में दो टीले मिले हैं। पश्चिमी टीले अपेक्षाकृत ऊँचे किन्तु छोटे हैं। सम्भवतः इन टीलों पर किले या दुर्ग स्थित थे। पूर्वी टीले पर नगर या आवास क्षेत्र के साक्ष्य मिलते हैं। यह टीला अपेक्षाकृत बड़ा है। इसमें सामान्य नागरिक, व्यापारी, शिल्पकार, कारीगर और श्रमिक रहते थे। दुर्ग के अन्दर मुख्यतः प्रशासनिक और सार्वजनिक भवन तथा अन्नागार स्थित थे।
32. महावीर की जीवनी एवं उपदेशों का वर्णन करें । उत्तर- भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे. उनका जन्म 540 ईसा पूर्व में वैशाली के क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ था. उनका मूल नाम वर्धमान था. महावीर ने अहिंसा को सबसे बड़ा नैतिक गुण बताया था. उनके उपदेशों और प्रवचनों से जुड़ी कुछ खास बातेंः-
महावीर ने अहिंसा के सिद्धांतों पर ज़ोर दिया था. उन्होंने सभी जीवों के प्रति अहिंसा की वकालत की थी. उन्होंने उपदेश दिया था कि आत्मा शुद्ध और अनंत है. उन्होंने बताया था कि सही विश्वास, ज्ञान, और आचरण के ज़रिए मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने बताया था कि धर्म से सृष्टि के प्रति करुणा और अपनत्व की भावना पैदा होती है. उन्होंने बताया था कि धर्म व्यक्ति में मानवीयता और सामाजिकता के गुणों का उद्रेक करता है. उन्होंने बताया था कि चोरी करना एक पाप और अपराध है 33. विजयनगर साम्राज्य की उपलब्धियों की जानकारी दें । उत्तर- विजयनगर साम्राज्य की कुछ उपलब्धियां : –
विजयनगर साम्राज्य में आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, और सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई. विजयनगर साम्राज्य में कला और वास्तुकला का विकास हुआ. यहां के मंदिरों में विशाल गोपुरम, जटिल मूर्तियां, और व्यापक परिसर थे. विरुपाक्ष मंदिर का 160 फ़ुट ऊंचा गोपुरम द्रविड़ वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है. विजयनगर साम्राज्य में हिन्दू धर्म और संस्कृति को बढ़ावा दिया गया. यह दक्षिण भारत का एकमात्र हिन्दू राज्य था. विजयनगर साम्राज्य में स्थापत्यकला, नाट्यकला, प्रतिभाकला, भाषा, और साहित्य के क्षेत्र में विशेष रुचि थी. विजयनगर साम्राज्य में सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रणाली थी. 34. भक्ति आंदोलन के प्रभावों का वर्णन करें । उत्तर- भक्ति आंदोलन ने भारतीय समाज पर कई तरह के प्रभाव डाले, जिनमें से कुछ ये रहे: –
भक्ति आंदोलन ने भारतीय साहित्य और कला को बढ़ावा दिया. भक्ति आंदोलन ने सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया और जाति व्यवस्था को चुनौती दी. इस आंदोलन ने लोगों को जाति की परवाह किए बिना जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित किया. भक्ति आंदोलन ने महिलाओं और निम्न जातियों के लिए मोक्ष को सुलभ बनाया. भक्ति आंदोलन ने भ्रूणहत्या, सती प्रथा, व्यभिचार, और मादक द्रव्यों के सेवन जैसी सामाजिक बुराइयों का विरोध किया. भक्ति आंदोलन ने हिंदू धर्म में नए संप्रदाय और उप-संप्रदायों का उदय किया.